June 12, 2014

जन पळभर म्हणतील हाय हाय (Jan pal bhar mhantil)

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jan palbhar mhantil hay hay (Video)


जन पळभर म्हणतील हाय हाय
मी जाता राहील कार्य काय ?

सुर्य तळपतील, चंद्र झळकतील
तारे अपुला क्रम आचरतील
असेच वारे पुढे वाहतील
होईल काही का अंतराय ?

मेघ वर्षतील, शेते पिकतील
गर्वाने या नद्या वाहतील
कुणा काळजी की न उमटतील
पुन्हा तटावर हेच पाय

सखे सोयरे डोळे पुसतील
पुन्हा आपुल्या कामी लागतील
उठतील बसतील, हसूनी खिदळतील
मी जाता त्यांचे काय जाय ?

अशा जगास्तव काय कुढावे
मोही कुणाच्या का गुंतावे
हरीदूता का विन्मुख व्हावे
का जिरवू नये, शांतीत काय ?

-- गायिका: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)



April 9, 2014

koshish-karne-waalo-ki-kabhi-haar-nahi-hoti


     

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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

--हरिवंशराय बच्चन